शनिवार, 1 अक्तूबर 2016

बाल-मंदिर: पानी बरसे झम -झम -झम .

बाल-मंदिर: पानी बरसे झम -झम -झम .: बाल कविता : डा, महेंद्र   भटनागर  पानी बरसे झम  -झम -झम .  आगे-आगे  गर्मी भागे  हँस-हँस गाने गाएँ हम .  पानी बरसे झम  -झम -झम .  मेढक बोलें...